प्रिय सुशांत,
यह पत्र एक एसी फैन ने लिखा है, जो तुम्हारे इस दुनिया को अलविदा करने के बाद तुम्हारी फैन बनी. जो तुम को, तुम्हारे परिवार को अपने परिवार जैसा मानने लगी, जब तुम नहीं रहे.
सुशांत, तुम हमें छोड के चले गये उसके थोडे दिनों तक तो मुझे यह भी न पता था के वो तुम थे. तुम को मैं पहचानती जरूर थी, तुम्हारी एक्टिंग भी अच्छी लगती थी, पर, कईं सालों से, बौलिवूड से और क्रिकेट से नाता तूट गया था मेरा.
पर थोडे ही दिनों में, कहीं न कहीं मुजे एक चुभन होने लगी थी, एक आवाज़ पुकार कर रही थी मेरे मन में, मेरे ज़हन में. (शायद इस बात का अनुभव मेरे जैसे कईं औरोंने भी किया है.) मैंने तुम्हारी मिल पाई उतनी फिल्में, पवित्र रिश्ता सिरीअल देखनी शुरू कर दी. पर, वह पुकार न रूकी. अब तुम्हारे विडियोज़ देखने लगी, इन्टरव्युज़ देखने लगी, तुम्हारे को-स्टारस् ने लिखे संदेश पढने लगी. और जितना तुम्हारे इन्टरव्युज़ देखे, स्पीच देखीं, उतना ही तुम से प्यार बढ़ता गया. शायद तुम नहीं मानोगे, तुमने जो जो चीज़े कहीं, करी, ख्वाब देखें, तुम्हारी वो बेइन्तहां महोब्बत, खुल के प्यार करने का जजबा, तुम्हारी इन्सानियत, अपने मूल से जूड़े रहना, तुम्हारा हर बात में उत्साह, तुम्हारा बेहिसाब जोश, तुम्हारे सपने… कहीं तुम्हारा यह कहना कि ‘एक बार जब पैसे मिलने लग गये, फिर पता चला कि पैसे से कोई खुशी नहीं मिलती’, कहीं यह बात के ‘कोई चीज़ के पाने मे नहीं पर उस तक पहुँचने के सफर में ही मज़ा है’, कहीं तुम्हारा प्रियंका के बारे में बोलना कि वो कितनी करीब है तुम से, वो तुम्हारा बकैट लिस्ट, गर्व से याद करना तुम्हारा बैक ग्राउन्ड डान्सर होना… क्या क्या बातें याद करुं.
तुम्हारा वो सीधापन, खुल्लापन, दिल जीत लिया भाई तुमने ! यह बात भी समज आ गई कि तुम गये उसका कारण डिप्रेशन तो नहीं ही है, और कुछ भी हो. और उन दिनों के बाद, आज तक की हर रात मैं यही सोचती रहती हुँ कि क्या क्या सहा होगा तुमने यह एक साल में, कैसे तुम जीए होगे? कितना दर्द सहा होगा तुमने? और किसीको कुछ न पता चला? कितने ख्वाब देखे थे तुमने? क्यों रुक नहीं गये उन्हें पूरा करने के लिये?
दिल तो आज तक नहीं मानता है, शायद तुम NASA के कोई काम में, शायद चाँद पे, शायद कुर्ग में खेती करने चले गये हो, और यह कुछ नहीं हुआ, सिर्फ दुनिया को दिखा रहे हो.
पर काश यह सच होता. M. S. Dhoni का एक डायलोग पहले से दिल को बहुत छु गया था, और अब बार बार वो याद आ रहा है, जो प्रियंका धोनी को पूछ रही है “पक्का न, बहुत टाइम है न हमारे पास?” क्युं ऐसा हो गया, सुशांत?
एक बात का आज मुजे अपने आप से शिकवा है. मॆं क्यों एक एसे इन्सान को मिल न पाई, उसकी फैन न रही, कैसे एसे इन्सान को मैंने जाना ही नहीं. भगवान से भी एक शिकायत है: क्यों उसने तुम्हें हमारे पास न रहने दिया? क्यों वो इस दुनिया में एसे सच्चे, मासूम लोगों को नहीं रहने दे रहा है? क्यों?
9 replies on “बहुत टाइम है न हमारे पास?”
आज एैसा लगा की मेरे दिल की सब बात इस blog me hai♥️✨✨
much is post ki ek ek baat meri api baat lagi, I have the very same thoughts for Sushant
Mujhe y blog read kar ankho main ansu aa gye
Or is blog m mri dil ki bate likho ho.
Sushant sir really I miss you so much and I pray for you everyday to god❤️🙏
Mujhe y blog read kar ankho main ansu aa gye
Or is blog m mri dil ki bate likho ho.
Sushant sir really I miss you so much and I pray for you everyday to god
I also regret that I couldn’t recognize his talent before.. I used to watch Pavitra Rishta before marriage and that time he was my favorite but I was not a big fan of him.. I didn’t know much about him.. then after getting married I moved to Malaysia.. I don’t watch Bollywood movies much.. PK was his only movie I have seen in Malaysia.. But now I watch everything about him.. KAASH MAI BHI PAHLE SE HI SHUSHANT KI FAN HOTI.. How humble he was ❤
We all are sad, Sushant always wanted people to realise the importance of own dreams. Take this as a message from universe for your own personal growth. Any area of your choice.
We all shared a bond with our polymath, you can submit an open letter below on how he impacted you and this world? What are the key takeaways and learning you have from him?
aisa laga jaise humare dil ki tanhaiyon ko shabd mil gaye
I was wanting to write for a long time. I did not know how to express and communicate. EVERY word, every sentence you wrote…as if it came from my own heart. THIS is exactly how I feel….including the last para. I also feel the same regret. I love you sush. Missing you.
And you blog post…made me cry…again. The wounds I thought were healing finally…are raw again.